Thursday, March 18, 2021

Black Wheat Farming in Bihar : GoLocal Bazar


कोरोना से जूझ रहे दुनियाभर के लोग इस समय खुद को स्वस्थ रखने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में कृषि वैज्ञानिक ऐसा अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए और किसानों की आमदनी में इजाफा करे। उनमें से ही एक है काला गेहूं की खेती जिसमें औषधीय गुण भरपूर है काला गेहूं का मांग भारतीय बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी है । इस प्रजाति के गेहूं में प्रोटीन और एंटी ऑक्सीडेंट ज्यादा होते हैं।

काले गेहूं में सामान्य गेहूं के मुकाबले इसमें एंटी ग्लूकोज तत्व ज्यादा होते हैं। ये शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। ब्लड सर्कुलेशन सामान्य रखता है। ट्राइग्लिसराइड तत्वों की मौजूदगी के कारण इसके इस्तेमाल से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। मैग्नीशियम उच्च मात्रा में पाए जाने से शरीर में कोलेस्ट्राल का स्तर सामान्य बना रहता है। काले गेहूं की प्रजाति (नाबी एमजी) में आयरन, जिंक और एंटी ऑक्सीडेंट सामान्य गेहूं की प्रजातियों से ज्यादा हैं।

विशेषज्ञों का दावा है कि काले गेहूं के नियमित सेवन से शरीर को सही मात्रा में फाइबर प्राप्त होता है, जिससे पेट के रोगों में लाभ मिलता है। इसमें मौजूद फास्फोरस तत्व शरीर में नए ऊतक बनाने के साथ उनके रखरखाव में अहम भूमिका निभाते हैं। यह शरीर से फ्री रेडिकल्स निकालकर हार्ट, कैंसर, डायबिटीज, मोटापा और अन्य बीमारियों की रोकथाम करता है. इसमें जिंक की मात्रा भी अधिक है.

 

गोलोकल बाजार (GoLocal Bazar) बिहार के किसानों को कर रहे जागरूक

बिहार में काले गेहूं को बढ़ावा देने के लिए किसानों को कम दाम पर गोलोकल बाजार (GoLocal Bazar) बीज मुहैया करा रही है। काले गेहूं की खेती को बढ़ावा देने लिए किसानों को कृषि विशेषज्ञों एवं कृषि वैज्ञानिकों  के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। और इससे होने वाले फायदों के बारे में किसानों को बताया जा रहा है महंगाई के इस दौर में नई तरह की खेती करना जरूर हो जाता है. यही वजह की काले गेहूं की लगातार मांग बढ़ रही है. अब काले गेहूं की खेती के लिए इसके बीज की भी काफी मांग है. बिहार में लगभग 600 एकड़ से भी ज्यादा खेतों में काले गेहूं की की बुवाई गोलोकल बाजार (GoLocal Bazar) की देखरेख में की जा रही है बिहार के 5-6 जिलों में लगभग 100 से भी ज्यादा किसान इस काले गेहूं की खेती कर रहे हैं जिन्हें गोलोकल बाजार (GoLocal Bazar) तकनीकी सलाह एवं बीज उपलब्ध करा रहा है, साथ ही साथ राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों में किसानों द्वारा उत्पादित काले गेहूं के बाजार की भी व्यवस्था कर रहा है ।

सामान्य तौर पर नवंबर में इसकी बुवाई होती है। दिसंबर में इसकी बुवाई करने पर गेहूं की पैदावार तीन से चार क्विंटल प्रति हेक्टेयर और जनवरी में बुवाई करने पर चार से पांच क्विंटल प्रति हेक्टेयर की कमी आती है। इस प्रजाति का सामान्य उत्पादन 10 से 12 क्विंटल प्रति बीघा है।

क्यों बढ़ रही है काले गेहूं के बीज की मांग?

भारत में ना केवल काले गेहूं की खेती (Black Wheat Farming) की लोकप्रियता बढ़ रही है बल्कि इसके बीज की भी बहुत ज्यादा डिमांड है. काले गेहूं का बीज अभी तक हर बाजार में नहीं पहुंचा है. इसीलिए इसकी उपलब्धि कम हैफिलहाल काले गेहूं का बीज हासिल करने के लिए किसानों को ज्यादा मूल्य पर बीज खरीदना पड़ रहा है. इस लिहाज से बीज खरीदने में ज्यादा लागत रही है, गोलोकल बाजार (Golocal Bazar) बिहार के किसानों को कम कीमत पर अच्छे किस्म की काले गेहूं का बीज उपलब्ध करा रही है

काला गेहूं की विशेषतायें (Characteristics of Black Wheat)

यह गेहूं साधारण गेहूं के मुक़ाबले बहुत अधिक पौष्टिक है तथा गुणवक्ता के मामले में इसे ब्लूबेरी (Blueberries)  नामक फल के बराबर रखा गया है.

कब्ज को करता है दूर (Constipation) : काले गेहूं का नियमित सेवन करने से शरीर को सही मात्रा में फाइबर प्राप्त होता है जिससे पेट के रोगों खासकर कब्ज में लाभ मिलता है।

तनाव (Stress) : आज के समय में लगभग हर शख्स तनाव से पीड़ित है या इसका कही कही सामना कर रहा है. तनाव से बाहर आने के लिए वह रोजाना नई-नई दवाईयों का सेवन करता है, जिसका परिणाम यह होता है कि कुछ समय के बाद जब इन दवाइयों का असर समाप्त होने लगता है तो पीड़ित इन्सान अपना रुझान नई दवायों की तरफ़ कर देता है, मतलब स्थिति और भी ख़राब होती चली जाती है. यहाँ काला गेहूं तनाव जैसी इस भयानक बीमारी को समाप्त करने के लिए एक आशा की किरण लेकर आया है. शोध से यह पता चला है की तनाव से पीड़ित व्यक्ति पर इसके प्रयोग के बहुत ही सकारात्मक परिणाम पाये गये हैं.

मोटापा (Cholesterol) : शोध में मोटापे को कंट्रोल करने में भी काले गेहूं का बहुत ही उत्साहजनक परिणाम मिले हैं. काले गेहूं में असंतृप्त वसीय अम्ल और फाइबर उच्च मात्रा में पाया जाता है। ऐसे नियमित रूप से काले गेहूं का सेवन तब उपयोगी होता है जब वे रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के उच्च स्तर पर मौजूद होते हैं। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में प्रभावी साबित होता।

कैंसर (Cancer) : कैंसर एक ऐसा रोग है जिसका अभी तक कोई स्थाई ईलाज उपलब्ध नहीं हो पाया है, इस समय पर काला गेहूं उन सभी लोगों के लिए खाद्य खुराक के रूप में बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है जब इस रोग पर नियंत्रण पाने में दवाएं विफल साबित हो रही हैं. काले गेहूं में मौजूद फाइबर से पाचन तंत्र मजबूत होता है और पाचन संबंधी समस्याओं के अलावा पेट के कैंसर से भी निजात मिलती है।

मधुमेह या डायबीटीज  (Diabetes)  : यह एक ऐसा रोग है जो दुनिया के सभी प्रगतिशील देशो के साथ भारत अन्य देशों में अपने पाव पसार चुका है और विडम्बना यह है कि बहुत सी महंगी दवायों के बावजुद अभी तक इसका स्थायी ईलाज उपलब्ध नहीं है, यहाँ भी रिसर्च में काले गेहूं प्रयोग के पीड़ित इंसान पर सकारात्मक परिणाम सामने आयें हैं. मधुमेह वाले लोगों के लिए सबसे उपयोगी होता है क्योंकि इसका सेवन करने से रक्त शर्करा यानि ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिलती है।

हाई ब्लड प्रेशर में लाभ (High Blood Pressure) : इसके नियमित सेवन करने से शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल में उपयोगी होने के अलावा, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में कारगर होता है

हृदय रोग (Heart Problem) : हृदय संबधी अधिक मात्रा में बढ़ रहे रोग आज की हमारी जीवन शैली का ही परिणाम हैं, मॉडर्न जिन्दगी के नाम पर हम अपने स्वस्थ शरीर रूपी पूंजी को खोते जा रहे है. इसान महंगे ईलाज से अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने का संघर्ष कर रहा है जो कि बहुत खर्च के बावजूद स्वस्थ जीवन की गारंटी नहीं देता. हृदय रोगियों पर किये शोध में काले गेहूं के मामले में बहुत सार्थक परिणाम सामने आयें हैं.

एनीमिया (Anemia) : काले गेहूं में प्रोटीन, मैग्नीशियम के अलावा आयरन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है ऐसे में अगर आप रोजाना काले गेहूं का सेवन करते हैं, तो शरीर में रक्त की कमी यानि एनिमिया की बीमारी को दूर किया जा सकता है। इससे शरीर में आक्सीजन का स्तर सही रहता है।

शरीर के विकास में मदद  (Body Growth) : काले गेहूं यानि साबुत अनाज में मैंगनीज उच्च मात्रा में पाया जाता है, मैंगनीज स्वस्थ चयापचय, विकास और शरीर के एंटीऑक्सिडेंट सुरक्षा के लिए आवश्यक भूमिका निभाता है।

प्रति 100 ग्राम में पोषक तत्व (Nutritional Facts)

कैलोरी 343,                     पानी 10 प्रतिशत,

प्रोटीन 13.3 ग्राम,                कार्बन 71.5 ग्राम,

शर्करा 0 ग्राम,                    फाइबर 10 ग्राम और वसा 3.4 ग्राम


Company Information : GoLocal Bazar Private Limited         Email: Info@golocalbazar.com