Sunday, September 20, 2009

हिन्दी दिवस : हिन्दी नहीं अंग्रेजी को बोलबाला

एक ओर जहां तमाम सरकारी और गैर सरकारी सगठनों द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर मातृभाषा हिन्दी को सर्वश्रेष्ठ भाषा बताकर तमाम काम काज हिन्दी में ही निबटाने का लोगों से आह्वान किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रखंड के विभिन्न सरकारी गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों सहित अधिकारियों द्वारा हिन्दी की उपेक्षा की जा रही है। ऐसे लोग अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करने में अपना बड़प्पन समझते हैं। यही कारण है कि एक दूसरे से मिलने पर नमस्कार प्रणाम, सुप्रभात, शुभरात्रि की जगह लोग गुड मार्निग, गुड इवनिंग एवं गुड नाइट का ही प्रयोग करते हैं। इतना ही नहीं विभिन्न सरकारी गैर सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा अब मां पिताजी भैया बहना आदि का संबोधन करने की बच्चों को प्रेरणा नहीं दी जाती है। इसकी जगह मम्मी डैडी, ब्रदर, सिस्टर कहने की बच्चों को शिक्षा दी जाती है जिससे कि बुनियादी तौर पर ही हिन्दी पर कुठाराघात कर अंग्रेजियन थोपा जाने लगा है। राज्य सरकार ने भी विगत दिनों से हिन्दी की उपेक्षा कर अंग्रेजी को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि पुलिस विभाग में हिन्दी शब्द 'आरक्षी' के बदले 'पुलिस' का प्रचलन कर दिया गया है। कुछ माह पूर्व तक आरक्षी, आरक्षी अवर निरीक्षक, आरक्षी निरीक्षक, अनुमंडल आरक्षी पदाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक आदि का प्रयोग होता था, जो हिन्दी में था। परंतु अब इसकी जगह पुलिस, पुलिस अवर निरीक्षक, पुलिस निरीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस अधीक्षक का प्रयोग किया जाने लगा। राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न रेलवे स्टेशन, बैंक सहित विभिन्न जगहों पर हिन्दी में काम करने संबंधी स्लोगन लिखे रहते हैं। परंतु व्यवहारिक तौर पर हिन्दी को नजर अंदाज कर अंग्रेजी में ही काम काज किया जा रहा है।

Subscribe with Bloglines

Bookmark and Share

No comments: